Indian Railways Plan IRCTC की योजना थी वो जिसके अंतर्गत कोच और इंजन निर्माण से जुड़ी फैक्ट्री आए।
Major Indian Railways improvements
रेलवे ने इस योजना में थोड़ा सा बदलाव किया है। इस प्रोजेक्ट को रेलवे सेक्टर में एक Major Indian
Railways improvements (बड़े सुधार) के तौर पर देखा जा रहा है।
Therefore, अब दो केंद्रीय पीएसयू कंपनियां बनाने की तैयारी है, जिनके पास इंजन और कोच के प्रोडक्शन का संचालन होगा।
Factories at Madhepura and Madhaura
जल्द ही Inter ministerial (अंतर-मंत्रालयी) विचार-विमर्श के लिए सामने आएगा। सब कुछ योजना के
मुताबिक रहा तो एक नई इंडियन रेलवे मोटिव पावर कंपनी की स्थापना होगी,
जिनके अंतर्गत चित्तरंजन लोको वर्क्स, वाराणसी स्थित डीजल लोको वर्क्स के अलावा बिहार के मधेपुरा
(Madhepura) और मढौरा (Madhaura) स्थित फैक्ट्रियां होंगी।
Preparing to make IRRC
For the time being, पीएमओ की तरफ से जिस ‘100 दिवसीय योजना’ पर सहमति दी गई गई है,
उसके अंतर्गत रेलवे मंत्रालय इंडियन रेलवे रोलिंग स्टॉक कंपनी (IRRC) बनाने की तैयारी कर रहा है।
यह कंपनी कोच बनाने वाली फैक्ट्रियों मसलन रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री और पहिया निर्माण
कारखानों का संचालन और नियंत्रण करेगी।
According to the Top officials sources
According to the sources, मंत्रालय के Top officials को लगता है कि दो कंपनियां बनाने से रेलवे
के Different departments के बीच होने वाली खींचतान को खत्म किया जा सकेगा।
In other words एक कंपनी कोच निर्माण का कामकाज देखेगी, and mechanical department जिसका नियंत्रण करेगा।
Departmental faction
There itself, दूसरी कंपनी इंजन निर्माण से जुड़ी होगी और यह इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के नियंत्रण में होगी।
although, कुछ officials को लगता है कि china की तरह सभी तरह के कोच और इंजन निर्माण
आदि के नियंत्रण के लिए एक ही कंपनी का निर्माण ‘Departmental faction’ (विभागीय गुटबाजी) को
खत्म करने के लिए Most Effective steps होगा।
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Practicality of the project
However, Top officials (अधिकारियों) ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की Practicality (व्यवहारिकता) की जांच करने
वाले प्राइवेट कंसलटेंसी फर्म ने ही दो कंपनियां बनाने का सुझाव दिया था।
यद्यपि, दो कंपनियां होने के बावजूद ये आकार और पैमाने के आधार पर दुनिया की सबसे Large
institutions (बड़ी संस्थाओं) में इसकी गिनती होंगी।
Cutting-edge technologies
Top officials का कहना है कि कॉरपोरेट के ढांचे पर इन कंपनियों की establishment (स्थापना) करने
से भारत भी बाकी दुनिया की तरह कोच व इंजन निर्माण से जुड़ी
cutting-edge technologies (अत्याधुनिक तकनीक) के क्षेत्र में Global competition (वैश्विक होड़) में शामिल हो सकेगा।
Privatisation of Indian Railways Valuable Assets
इससे कंपनियों को मुनाफा कमाने के मकसद से चलाया जा सकेगा और दूसरे देशों को सप्लाई करने की
प्रतिस्पर्धा में भी शामिल हुआ जा सकेगा।
इस प्रोजेक्ट का रेलवे के Powerful employee unions (ताकतवर कर्मचारी यूनियनों) ने विरोध किया
है। For instance उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की Valuable Assets के निजीकरण की तरफ यह पहला कदम है।

यद्यपि, मंत्रिमंडल (Ministry) ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है।